झुमरीतिलैया (कोडरमा), जासं। India Post, Koderma News, Jharkhand Samachar बच्चों में पत्र लेखन की विलुप्त हो रही परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए भारतीय डाक विभाग ने पहल की है। डाक विभाग ने लेखन प्रतियोगिता आयोजित कर विजेताओं को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। इस बाबत डाक विभाग प्रदेश के सभी डाकघरों को पत्र भेजकर प्रतियोगिता की जानकारी को व्यापक बनाने का निर्देश दिया है। डाक विभाग की ओर से आयोजित पत्र लेखन प्रतियोगिता का विषय कोविड 19 संक्रमण से बचाव है। कोडरमा के डाक निरीक्षक संजय संगम ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में अपने अनुभवों को पत्र के माध्यम से अपने स्वजनों को संबोधित करते हुए पत्र लिखना है।
अधिकतम 15 वर्ष के प्रतिभागी हो सकते हैं शामिल
प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए अधिकतम उम्र सीमा 15 वर्ष रखी गई है। इसके तहत 5 अप्रैल 2021 तक डाक विभाग को मिलने वाले पत्र को ही शामिल करने का निर्णय लिया गया है। पुरस्कार के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर चयनित होने वाले प्रतिभागी को स्वर्ण, द्वितीय स्थान पर सिल्वर तथा तृतीय स्थान पर चुने गए प्रतिभागी को कांस्य पदक एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल आए तो मिलेगा 50 हजार
प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम को 50 हजार, द्वितीय को 25 हजार रुपये तथा तृतीय स्थान पाने वाले को 10 हजार नकद एवं प्रमाणपत्र देने का प्रविधान है। राज्य स्तर पर प्रथम विजेता को 25, द्वितीय को 10 तथा तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागी को 5 हजार रुपये के साथ डाक विभाग एक प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करेगा। प्रतियोगिता में शामिल होने वाले बच्चों को स्वलिखित पत्र 5 अप्रैल तक डाक विभाग में भेज देना होगा। गौरतलब है कि सूचना क्रांति के दौर में मोबाइल आने के साथ ही पत्र लिखने का सिलसिला पूरी तरह थम ही गया है। अब केवल सरकारी कार्यालयों में ही पत्र लेखन चल रहा है। वहां भी कुछ दिनों में सब कुछ कंप्यूटराइज्ड हो जाएगा। पहले लोग अंतर्देशीय, पोस्टकार्ड पर पत्र लिखते थे। लेकिन आज की पीढ़ी शायद यह नाम भी नहीं जानती।